Apr 2, 2012

હમરી અટરિયા પે


ધનાશ્રી પંડિત
क्या मजा बार बार मिलता है 
अजी तुमको हमसे रूठ जाने में 

रूठने में लगे दो घडिया 
उम्र लग जाती है मनानेमे .........

हमरी अटरिया पे आ जरे सावरिया 
देखादेखी बालम (तनिक)  हुई जावे......

नैन मिल गई है नजर में जई हो 
सारा ज़ग्डा ख़तम हुई जावे......

प्रेम की भिक्षा मागे भिखारन 
हमरे द्वारे आओ सजन ....

.नैन मिल गई है नजर में जई हो 
सारा ज़ग्डा ख़तम हुई जावे.....

तसवुर (स्वप्न??)में चले आते हो...
कुछ बाते भी होती है ....
शबे फुर्सत भी होती है ....मुलाकाते भी होती है.....

आओ बालम हमरे द्वारे ....
सारा ज़गडा ख़तम हुई जावे.......

Go to Index Page-સદાબહાર ભજન સંગ્રહ-અનુક્રમણિકા